इस मौसम में घीया, तोरी व करेला की बिजाई कर सकते हैं किसान
वर्तमान में भिंडी की बिजाई भी कर सकते हैं किसान
प्रदेश में इस समय सब्जी की कई फसलों की बिजाई व रोपाई की जा सकती है। प्रमुख तौर पर बेल वाली सब्जियां जैसे घीया, रामा तोरी, काली तोरी, पेठा, खीरा व करेला है। खरीफ प्याज, भिंडी, ग्वार, लोबिया, सेम की फली, पौध रोपण विधि द्वारा टमाटर, बैंगन, मिर्च, अगेती फूल गोभी और गर्मियों की मूली को व्यावसायिक स्तर पर किसान वैज्ञानिक विधियों से उगाकर अच्छी आमदनी ले सकते हैं।
करनाल स्थिति महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय में सब्जी सलाहकार प्रोफेसर डॉ. सुरेश कुमार अरोड़ा ने बताया कि किसान खरीफ प्याज के बीजों की जून और जुलाई माह में बुवाई कर पौध तैयार करते हैं। इसकी रोपाई अगस्त में की जाती है। इस मौसम में किसान हल्दी की गांठो की बिजाई डोलियों पर कर अगले साल जनवरी-फरवरी माह में इसका उत्पादन ले सकते हैं। इस मौसम में ग्वार, सेम की बिजाई भी कर सकते हैं।
सब्जियों का अधिक उत्पादन लेने के टिप्स
1. इन सभी सब्जियों की उन्नतशील किस्में और प्रमुख शंकर प्रजातियों का संज्ञान लेना बेहद जरूरी है। 2. किसान टपका सिंचाई विधि को अपनाते हैं तो 80% पानी की बचत हो सकती है। बरसात में आवश्यकता अनुसार ही टपका सिंचाई विधि के द्वारा फसलों में पानी के प्रयोग पर नियंत्रण किया जा सकता है। 3. सब्जियों के उत्पादन के समय प्लास्टिक मल्च का प्रयोग करें, जिसके द्वारा खरपतवार नियंत्रण में होने वाले खर्च को कम हो सके। 4. किसान ध्यान रखें कि बेल वाली सब्जियों में घीया, कद्दू, रामा तोरी, काली तोरी और करेला की बेलों को सहारा देने के लिए बांसो का प्रयोग करना चाहिए और फिर इन बेलों को जाल के ऊपर फैला दें। ऐसा करने से उच्च गुणवत्ता के फलों को बिना किसी दाग और बीमारी के स्वस्थ और पौष्टिकता से पूर्ण सब्जियां का उत्पादन व्यावसायिक स्तर पर लिया
जा सकता है।